इन्द्र भुवन सँ चलल महादेव बैठी गेल गौरी के दुआरि यो
पैर धोऊ पाट करु ईस महादेव कहु शिव नैहर कुशल यो
एक त कुशल गौरा माय मैना रोवए दोसरे कुशल अज गुत यो


तेसर कुशल गौरा कहलो न जाइए शिव केलन दोसरे बियाह यो
किए हम अहे शिव चोरनि से चटनी किए हम कोखिया बिहुंग यो
किए हम अहे शिव सेवा मे चूक कयलऊँ किए कएलि दोसरे बियाह यो
नञ अहाँ अहे गौरा चोरनि से चटनी नञ अहाँ कोखिया बिहुँग यो
नञ अहाँ अहे गौरा सेवा मे चूक कएलि नञ कएलि दोसरे बियाह यो
अहाँ के बहिन गौरा मोर मन मोहल तँय कयलौं दोसरे बियाह यो
मरिहऊ गे सँझ तोहरो जेठ भैया जुगे-जुगे बढ़ौ अहिबात हे ||

(मैथिली लोकगीत)