ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगंनिर्मलभासित शोभित लिंगम् ।जन्मज दुःख विनाशक लिंगंतत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 1 ॥देवमुनि प्रवरार्चित लिंगंकामदहन करुणाकर लिंगम् ।रावण दर्प विनाशन लिंगंतत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 2 ॥