शारदा सिन्हा के गएल विद्यापति जीक गीत

मोरा रे अँगनमा चनन केर गछिया, ता चढ़ि कुररए काग रे।
सोने चोंच मढ़ाए देब बायस, जौं पिया आओत आजु रे। मोरा रे...
गावह सखि सब झूमर लोरी, मयन अराधन जाउं रे।
चहुं दिसि चम्पा मौली फूलली, चान इजोरिया राति रे। मोरा रे...
विद्यापति कवि गाओल तोहर, कहु अछि गुणक निधान रे।
राम भोगी सर सब गुण आगर, पदमा देवी रमाण रे। मोरा रे...
कइसे कए हमे मदन अराधव, होइति बड़ि रति साति रे।

 

मोरा रे अँगनमा चनन केर गछिया