कोने खेत जनमल धान सुधान हो, कोने खेत डटहर फान
ए माई, कोने कोखि लिहले जनम रे सुरुज देव, उठ सुरुज भईले बिहान

उर खेत जनमल धान सुधान,  बड़ैया खेत डटहर आन
ए माई, अम्मा कोखि लिहले जनम रे सुरुज देव, उठ सुरुज भईले बिहान

अम्मा जे जाहि जगावे सुरुज तोरा, दिह सुरुज दरसन अपन
ए माइ, कष्टि अरघि लेले ठाढ-बार गंगिया में जोड़ि हाथ कईले धयान

कोने खेत जनमल धान सुधान हो, कोने खेत डटहर आन
ए माई, कोने कोखि लिहले जनम रे सुरुज देव, उठ सुरुज भईले बिहान